Friday, October 29, 2010

आज दिल उदास है !

आज दिल उदास है !
न जाने किसकी तलाश है !
यूँ तो किनारे बैठा हूँ दरिया के !
फिर क्यों अधरों पे प्यास है !
ये ज़िन्दगी का कारवां आज फिर ,
मूक है       नासाज है  !
चुन लिया जो रास्ता उस पर दुखी हूँ !
मंजिल दिखी तो नहीं पर आस है !
सोचता हूँ कोई हो अपना भी अब तो ,
धडकनों में फिर से अब परवाज है !
मौसम-ए-बहार का असर नहीं ये 'शीफू'
बस ज़िन्दगी की उलझनों का सार है !
 @ankul

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