Friday, February 4, 2011

विकास की राह पर सुस्त कदम

आजकल की इस दुनिया में लोगो के पास बिलकुल भी वक़्त नहीं है ! सब लोग हमेशा एक अजीब सी हड़बड़ी में रहते हैं और ऐसी ही स्तिथि में इंतजार करना पड़े वो भी किसी ऐसे शख्स की वजह से जो अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने के बजाय तुम्हें नसीहत देने लगे ! बस ऐसा ही एक वाकया हमारे साथ भी हुआ ! हुआ ये की बेरोजगारी के इस दौर में हमने भी एक पोस्ट के लिए आवेदन करने का दुस्साहस किया ! अब समझ में नहीं आता की  देश के विकास की दावेदारी करने वाली ये सरकारी संस्थाएं खुद ही विकास से क्यों मुंह मोड़े नज़र आती हैं ! अब भला ऑनलाइन आवेदन के इस दौर में डाक द्वारा आवेदन का क्या औचित्य है , जिसके सही सलामत पहुँचने की बस दुआ ही की जा सकती है ! हम भी अपने आप को इसी चूहे बिल्ली की दौड़ में शामिल करते हुए पहुँच गए डाकघर पोस्ट करने ! वहां देखा की रजिस्ट्री करने वाले माननीय ही गायब हैं ! तब समझ में आया की अगर एक जिम्मेदार व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ ले तो कितने ही लोगों की परेशानी का सबब बन जाता है ! जब महोदय से इस बाबत जानना चाहा तो पता चला की ज़नाब लंच कर रहे थे , अब कोई ये बताएगा की लंच के लिए कितना वक़्त न्यायसंगत है १५ मिनट या अधिकतम आधा घंटा , मगर लंच के नाम पर डेढ़ घंटा गायब रहना क्या किसी भी तरीके से माफ़ी के काबिल है ! काश ये सब माननीय जितना गंभीर अपने लंच टाइम के लिए रहते हैं , उतना ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति रहें तो शायद इस देश के विकास की गति को एक मुकाम मिल जाये !

5 comments:

  1. आदरणीय Ankul Deol जी
    आपका कहना बिलकुल सही है ..आज की परिस्थतियों के लिए कोण जिम्मेवार है ..यह सबको सोचना होगा ..आपका प्रयास सराहनीय है ....आप अनवरत लिखते रहें यही कामना है ..शुक्रिया

    ReplyDelete
  2. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी
    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

    ReplyDelete
  3. "अगर एक जिम्मेदार व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ ले तो कितने ही लोगों की परेशानी का सबब बन जाता है"

    ReplyDelete
  4. आपको पढकर बहुत अच्‍छा लगा .. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
  5. शानदार पेशकश।

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक)एवं
    राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    0141-2222225 (सायं 7 सम 8 बजे)
    098285-02666

    ReplyDelete